*क्रमोन्नत वेतनमान पर रिकवरी की लटकी तलवार, भविष्य की वसूली से बचने पदोन्नति लेंगे शिक्षक*
*जिले में चर्चित फर्जी शिक्षक और क्रमोन्नत वेतन एवं फर्जी एरियर्स तीन ऐसे मुद्दे है जिसका जिन्न कभी भी जिंदा हो जाता है पदोन्नति प्रक्रिया के बीच फर्जी शिक्षको को पदोन्नति से वंचित करने के माँग के बीच क्रमोन्नत वेतन मान के भुगतान की रिकवरी का डर जैजैपुर ब्लॉक के सहायक शिक्षको लगा है अब इस रिकवरी की आंच से बचने पदोन्नति का रुख कर रहे*
दैनिक मधुर इंडिया।रिपोर्टर नारायण राठौर।
जांजगीर/  जिले के जैजैपुर विकास खंड जो पूरे प्रदेश का अनूठा ब्लॉक है जहाँ के 1998 के सहायक शिक्षक एल बी को क्रमोन्नत वेतनमान मिल रहा लगभग 2 साल के आसपास यहां के शिक्षको को निर्बाध रूप से क्रमोन्नत वेतन 1 जुलाई 20 से जून 21 तक मिला है जांजगीर जिले के किसी ब्लॉक चाहे जैजैपुर, बम्हनीडीह, डभरा,अकलतरा, पामगढ़, नवागढ़,सक्ती कही भी  मिल रहा परंतु शिकायत के बाद वसूली डभरा में और लिपिक को निलंबित नही किया
वर्तमान में ब्लॉक के 1998 से एक ही पद पर पदस्थ इन सहायक शिक्षको को उच्चतर वेतन मिल रहा अब इस उच्चतर वेतन मान को छोड़ ये लोग पुनः पदोन्नति लेंगे क्योकि कभी भी इनके वेतन पर रिकवरी हो सकती है शासन ने क्रमोन्नत वेतन मान को समाप्त किया था उसके बाद भी जून 21 तक  मिला है  शिक्षको के मन में अज्ञात भय इनको चुपके से क्रमोन्नत वेतन छोड़ कर पदोन्नति लेने बाध्य कर रही है जो समझ से परे हुए है क्रमोन्नत वेतन 41 शिक्षक शिक्षिका को मिला है जिसमे से पांच शिक्षकों ने वेतन समायोजित करने का पत्र दिया और 36 लोगो को रिकवरी के लिए आज पर्यंत तक कोई नोटिस तक नही दिया है
*जैजैपुर विकास खण्ड अव्वल* 
आपको बता दे कि चाहे डबल वेतन हो या क्रमोन्नत वेतन हो या एरियर्स हो लगातार आरोप ही लगा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कोई रुचि नही लेते है विशेष सूत्रों से जानकारी के अनुसार जो भी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पदस्थ होते है सबसे पहले अपने पाकिट भरने के लिए शिक्षकों से अवैध उगाही कर रिकवरी करने के बजाए दबा दिया जाता है जिससे शिक्षकों द्वारा कोई भय नही होता बल्कि इनके मनोबल बढ़ जाता है शासन की राशि इस तरह दुरुपयोग होता है कि रिकवरी करने में सालो साल बीत जाते है 
*जिले के प्रशासनिक अधिकारी के कारनामा को दबाने में प्रशासनिक अधिकारी अव्वल*
आपको बता दे कि जहां प्रशासनिक अधिकारी का कलम फंसते नजर आते है तो अपना स्थानंतरण दूसरे जिले में करा कर चले जाते है और जो भी नए अधिकारी पदस्थ होते है वहा भी पुराने रिकार्ड को खंगालने के बजाए तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी को बचाने के लिए हथकंडे अपना लिए जाते है और पुराने रिकार्ड को दबा दिया जाता है आप चाहे कितना भी सूचना के अधिकार लगाओ रिकार्ड उपलब्ध कराने में कारी पसीना छूट जाते है आफिस की चक्कर काटते काटते  शिकायत कर्ता की चप्पल तक घिस जाते है लेकिन वर्तमान अधिकारी को कोई फर्क नही पड़ता बल्कि तत्कालीन अधिकारी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहते है और पत्रकारों को एवं शिकायत कर्ता को जवाब देने के लिए मुंह फेरते रहते है इस तरह शासन की राशि का दुरुपयोग करते रहते है शासन को ऐसे मुद्दों पर कसावट लाने की जरूरत है 
*फर्जी शिक्षकों का जिले में अम्बार*
आपको बता दे कि जैजैपुर विकास खण्ड में कुछ ऐसे शिक्षक है जो वास्तव में विकलांग है उसका अधिकार का हनन करते है फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र बनवा कर महत्वपूर्ण शिक्षक का पद हथिया लिया गया है अगर शासन प्रशासन ऐसे विकलांग शिक्षकों को फिटनेस जाँच करवाया जाए तो अधिकांश शिक्षकों का छटिंग हो सकता है कुछ ऐसे शिक्षक है जो अपना विकलांग 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का विकलांगता प्रमाण पत्र चयन के समय प्रस्तुत किया गया है और अभी वर्तमान में ऐसे शिक्षकों की फिटनेस जाँच कराया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
वर्जन
क्रमोन्नत वेतन के नाम पर जिस भी शिक्षकों को मिला है उसका रिकवरी  करने के लिए नोटिस दिया जाएगा और वसूली भी किया जाएगा
विजय कुमार सिदार
विकासखंड शिक्षा अधिकारी जैजैपुर
तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा एरियर्स की जाँच करवाया गया है जिला पंचायत से को पत्र लिखा गया है सूची मिलते ही संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही किया जाएगा और कुछ विकलांग शिक्षकों का शिकायत मिला है उसका भी जांच टीम गठित कर सही पाये जाने पर उचित कार्यवाही किया जाएगा
बी एल खरे
जिला शिक्षा अधिकारी
सक्ती
क्रमोन्नत वेतनमान पर रिकवरी की लटकी तलवार, भविष्य की वसूली से बचने पदोन्नति लेंगे शिक्षक
 
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