*जीरापुर में खूब फल फूल रहा जमीन के सौदागरों का कालोनाइजर धंधा*
राष्ट्रीय दैनिक मधुर इंडिया भोपाल पवन शर्मा
आदेश के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं बड़े बड़े होडिंग लगाकर काटे जा रहे हैं अवैध पिलात
राजगढ़ जीरापुर - कुंडालिया डेम से क्षेत्र में आई प्रगति और जीरापुर नगर से बाहर निकले बाय-पास रोड़ की वजह से यहां जमीन के भाव आसमान छू रहे हैं। वहीं जमीन के सौदागरों द्वारा इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कालोनियां काटने का धंधा अपनाया है । वैध कालोनी बनाने के लिए टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा पास करवाना, डायवर्सन कराने के साथ प्रशासन से विकास अनुमति लेना,
प्लाट खरीदने वाले के हितों की रक्षा करने वाले रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा)में कालोनी का विधिवत पंजीकरण करवाने जैसी अनेक जटिल पारदर्शी प्रक्रियाओं से बचकर महज डायवर्सन करा कर अन्य नियमों को धत्ता बताते हुए जीरापुर नगर सहित आसपास नगरीय सीमा से सटी जमीन पर प्लाट काटने का धंधा जोरों पर है। कथित कालोनाइजरों द्वारा जमीन पर मुरम या सीसी रोड़ बनाकर प्लाट बेचने का बोर्ड लगा दिया जाता है और छुटभैया कमीशन एजेंट बना दिए जाते हैं जो आसान किस्तों का प्रलोभन देकर ग्राहक को फांसते है। वैध कालोनी विकसित करने में कालोनाइजरों द्वारा कालोनी वासियों को पेयजलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट, सीसी रोड़, ड्रेनेज सिस्टम जैसी सुविधाएं मुहैया कराया जाना चाहिए। लेकिन
कथित कालोनाइजरों द्वारा शासन के अनेक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भोले-भाले लोगों को सर्वसुविधायुक्त कालोनी का सपना दिखाते हुए प्लाट बेचे जा रहे हैं जिससे प्रशासन बेखबर है या सब कुछ जानकर भी अनजान हे कहा नहीं जा सकता। क्यों कि बेचे गए प्लाटों की रजिस्ट्रियां नामांतरण प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष ही होते है फिर नियम विरुद्ध कैसे यह खेल चल रहा है ? प्रशासन की नजर में ही डायवर्सन, रजिस्ट्रियां व नामांतरण होने के बावजूद ऐसे अवैध कालोनाइजरों पर अधिकारी क्यों मेहरबान है यह समझ से परे है। जीरापुर नगर के भंडावद रोड़, खारपा रोड़, माचलपुर रोड़ , सुसनेर रोड़,बटावदा रोड़ , सहित नगरीय सीमा से सटे गांवों की भूमि पर भी प्लाट काटने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जिन कालोनियों में मकान बन चुके है वहां के नागरिकों को नाम मात्र की सुविधाएं मुहैया कराई गई है। वहीं कालोनी विकसित करने के नियमों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) लोगों के लिए भी प्लाट आरक्षित रखे जाते हैं। कालोनाइजरों द्वारा पात्र लोगों को ही आरक्षित प्लाट दिये जा रहे हैं या नहीं यह भी जांच का विषय है।
खारपा रोड़ पर तो काटे गए प्लाटों में छापी डेम की नहर के बाजू में ही नियम विरुद्ध प्लाट काट दिए गए।यही नहीं यहां काटे गए प्लाटों पर मकान भी बना दिए गए। जबकि सिंचाई विभाग की नहर से नियमानुसार 9 मीटर की दूरी रखकर निर्माण कार्य किया जा सकता है लेकिन यहां कालोनी विकास अनुज्ञा के नियमों की अनदेखी की गई है।
इनका कहना
मेंने तहसीलदार को बोलकर नियम विरुद्ध कार्य करने वाले कालोनाइजरों की जानकारी मांगी है। ऐसे कालोनाइजरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अंकिता जैन
एसडीएम खिलचीपुर -जीरापुर
जीरापुर में खूब फल फूल रहा जमीन के सौदागरों का कालोनाइजर धंधा*
Reviewed by dainik madhur india
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4:37 AM
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