लाखों रूपये की लागत से बने भवन अस्तित्व हीन, प्रयोग शाला भी नहीं हुई शुरू न अमलाआया और न आधुनिक मशीने , कैसे हो मिट्टी परीक्षण

लाखों रूपये की लागत से बने भवन अस्तित्व हीन, प्रयोग शाला भी नहीं  हुई शुरू 

न अमलाआया  और न आधुनिक मशीने , कैसे हो मिट्टी परीक्षण

*दैनिक मधुर इंडिया संवाददाता आशीष कुमार दुबे*



बिरसिंहपुर पाली - आदिवासी बहुल जिले के कृषि समुन्नयन और कृषकों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश शासन ने प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालयों  में एक मृदा परीक्षण केन्द्र खोलने का निर्णय लिया था , और इसके लिए लाखों रूपये का बजट आंबटित किया गया था उमरिया जिले के  पाली विकास खंड में भी मृदा परीक्षण  प्रयोग शाला के लिए एक भवन निर्माण   वर्ष 2015 में कृषि विभाग के माध्यम से  कराया गया था , लेकिन आज तक इस भवन का उपयोग नहीं  होने से आज तक  अस्तित्व हीन पडा हुआं है   । न तो इस भवन में प्रयोग शाला का काम शुरू हुआ और न ही इस भवन का अन्य प्रयोजनों में उपयोग किया जा सका । बताया जाता है कि  पाली विकास खंड में प्रयोग शाला के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा न तो अमला पदस्थ किया गया और न ही इसके लिए उपयुक्त सामग्री, आवश्यक आधुनिक मशीनरी प्राप्त हुई, लिहाजा आदिवासी किसानों को सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा पर तीखे सवाल खड़े हो रहे हैं। आज भी मृदा परीक्षण के लिए किसानों को जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं । र्दुभाग्य जनक कहा जाये कि मध्यप्रदेश शासन की इस लाखों रूपये व्यय होने के बाबजूद भी किसानों को मिलने वाली सुविधाएं उनसे कोसों दूर है । ध्यान देने योग्य है कि देश की भाजपा के यशस्वी प्रधानमंत्री  जो अपने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दृढ़ संकल्पित और विशाल हृदयि मानें जाने जाते हैं, उन्होंने वर्ष 2014  के संकल्प पत्र में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण और किसानों का स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड बनाने और किसानों को लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया था, जिस वजह से मध्यप्रदेश शासन द्वारा  इसे अमल में लाने के लिए आदिवासी विकास खंडों में अकूत धन राशि व्यय कर मृदा परीक्षण केन्द्र के लिए भवन निर्माण कार्य कराया गया , लेकिन इन परीक्षण केन्द्रो में अमले, और आधुनिक मशीनों के अभाव में दम तोड दी। न जाने इस योजना के संचालन में सरकार आख़िर मे हाथ क्यों खडी कर दी  जिससे हालत यह है कि  आज भी दूर दराज के आदिवासी किसानों को यह नहीं मालूम कि मिट्टी का उपचार और परीक्षण की  भी कोई योजना शासकीय रिकार्डो में फल फूल रहीं हैं ।


*जर्जर होने की स्थिति में भवन* 


विदित होवे कि  शासन के व्दारा भवन का निर्माण तो करा दिया गया है लेकिन मृदा परीक्षण कार्य से जुडा अमला और परीक्षण मे प्रयुक्त होने वाले आवश्यक उपकरण और आधुनिक मशीनों को आज तक परीक्षण केन्द्र में नहीं पहुंचा । हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि लाखों रूपए के लागत से बने इस भवन को एक ताला भी नसीब  नहीं हो सका , जिससे यह भवन आज चोरों के निशाने पर हैं । बताया जाता है कि भवन में प्रयुक्त खिड़की -दरवाजे चोर निकाल कर ले गए । भवन में लगे पंखे इत्यादि भी भवन से गायब है । आखिर कार शासन के ऐसी योजनाओं का लाभ किसको मिला , जिसमें शासकीय धन राशि की खूब होली खेली गई ‌।


*किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ* 


मृदा परीक्षण को लेकर शासन की  किसानों के  कल्याण की जो मंशा फलित होनी थी ,वह अब भी अधूरी पड़ी हुई है   जबकि इस मद में  शासन के खजाने को लंबी चोट पहुचायी गयी है । अगर किसानों के  लिए  इस बहुउद्देशीय योजना को विकास  खंड स्तर पर लागूं कर मृदा परीक्षण का काम शुरू किया गया होता तों किसानों में कृषि कार्य में जागरूकता और बदलाव कर भूमि का परीक्षण करा कर भूमि का उपचार कर  अधिक से अधिक फ़सल का उपार्जन कर प्रधानमंत्री की मंशा कि  किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक साबित होती । किसानों के कल्याण की आधी अधूरी योजनाओं को क्रियान्वित कर शासकीय धन राशि का अपव्यय से ज्यादा कुछ नहीं हो सका । यह बात हर एक के लिए सवाल पैदा कर रही है कि देश के प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना किसानों की आय दोगुनी करने , मृदा परीक्षण , किसान हेल्थ कार्ड को जानबूझकर फ्लाप करने के पीछे हाथ किसका है ।


*मिट्टी मे पोषक तत्वों की कमियां*


जिले की  मिट्टी परीक्षण के प्राप्त नतीजों से प्राप्त जानकारी अनुसार यहां की माटी में अलग अलग जगहों पर अलग अलग   पोषक तत्वों की कमी है, कही पर नाइट्रोजन, तों कहीं पर पोटाश , कहीं जिक्र , कहीं फास्फोरस तो कहीं पर सल्फर की कमी पाई जाती है लेकिन मृदा परीक्षण न हो पाने के कारण किसान तों इस बात से अनभिज्ञ होकर मनमानी रूप से रासायनिक खाद का उपयोग कर एक ओर किसान ‌कर्ज के ‌बोझ के तले दबा जा रहा है वहीं दूसरी ओर उसकी भूमि को बंजर बन रही है , उसकी उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही । अपेक्षा है कि मध्यप्रदेश शासन इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए किसानों की दशा और दिशा सुधारने हेतु आवश्यक क़दम उठायेंगी ।
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