हाथीयों को भगाओ क्षेत्र को बचाओ कि मांग कर रहे ग्रामीण क्षेत्र, कटघोरा वन विभाग से नराज दिख रहा प्रभावित गांवों
*हाथीयों को भगाओ क्षेत्र को बचाओ कि मांग कर रहे ग्रामीण क्षेत्र, कटघोरा वन विभाग से नराज दिख रहा प्रभावित गांवों*
मधुर इंडिया/कोरबा छत्तीसगढ़ संवाददाता सदानंद प्रउहा
कोरबा । हाथियों के कारण सरमा,जल्के, पनगवा,कोरबी, आसपास के अन्य गांव के ग्रामीण प्रभावित इलाकों में हाथियों ने अलग अलग झुंड में बंट कर उत्पात मचा कर रखा है। ग्रामीणो में हाथियों का भय और वनविभाग के प्रति नाराजगी देखने को मिल रहा है कोरबा जिले का कटघोरा वनमण्डल सदैव काफी चर्चित रहा है किसी ना किसी रूप में इस वर्ष फिर
हाथियों को लेकर उभर कर सामने आया पसान रेंज जहां कई माह से 43 हाथियों ने डेरा डाले हुए हैं प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों ने हाथियों को भगाओ क्षेत्र को बचाओ मांग कर रहे हैं। वन विभाग भी कुछ दिन हाथियों को भगाने चुस्ती फुर्ती दिखाई पर उसके बाद फिर उनका जूनून कम होता हुआ दिख रहा गौरतलब है कि सुरक्षा में घोर कमी विभाग दिखा रहे ग्रामीणो ने हाथियों को भगाओ क्षेत्र बचाओ का एलान कर दिया है। ग्रामीण प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया है ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों के द्वारा नुकसान और हाथियों कै भगाने में लापरवाही का हाल अगर वनविभाग दिखाते रहेगी तो आन्दोलन ग्रामीण द्वारा जल्द देखने को मिलेगा। वहीं रहात कि सांस लेना भी मुश्किल होने लगा है क्योंकि जिस वक्त व्यक्ति आराम करता उसी रात्रि में हाथियों द्वारा कही भी किसी भी बस्ती में पहुंच अपना विशाल शरीर लिए हाथियों का झुंड नुकसान करने लगाते है। बच्चे, महिला और बुजुर्ग चिंता का विषय है कि वह कैसे अपनी जान बचाते होंगे। आपात स्थिति में किसी न किसी को रात्रि में सड़क पर राहगीरों को गुजरना पड़ता है और कई बार सड़क पर खड़े हाथियों के झुंड को देखकर वापस गाड़ी घुमा कर घर आना पड़ता है तो कभी दिन में सड़क पर खड़े हाथियों के लिए घंटों तक इन्तजार करने पड़ते हैं कि कब सड़क से हटकर जाएं झुंड, फिर व्यक्ति अपना अस्पताल, न्यायिक या दिनचर्या कार्य को पूर्ण कर सके। ग्रामीणों कि नजर में हाथियों द्वारा किए गए फसल और मकान नुकसान पर मुआवजा की बात करें तो उस पर भी सौ प्रतिशत नुकसान पर चालिस प्रतिशत हि मुआवजा के तौर मिलता है जिससे संतुष्ट नहीं हैं ग्रामीणजन।
हाथियों को लेकर उभर कर सामने आया पसान रेंज जहां कई माह से 43 हाथियों ने डेरा डाले हुए हैं प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों ने हाथियों को भगाओ क्षेत्र को बचाओ मांग कर रहे हैं। वन विभाग भी कुछ दिन हाथियों को भगाने चुस्ती फुर्ती दिखाई पर उसके बाद फिर उनका जूनून कम होता हुआ दिख रहा गौरतलब है कि सुरक्षा में घोर कमी विभाग दिखा रहे ग्रामीणो ने हाथियों को भगाओ क्षेत्र बचाओ का एलान कर दिया है। ग्रामीण प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया है ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों के द्वारा नुकसान और हाथियों कै भगाने में लापरवाही का हाल अगर वनविभाग दिखाते रहेगी तो आन्दोलन ग्रामीण द्वारा जल्द देखने को मिलेगा। वहीं रहात कि सांस लेना भी मुश्किल होने लगा है क्योंकि जिस वक्त व्यक्ति आराम करता उसी रात्रि में हाथियों द्वारा कही भी किसी भी बस्ती में पहुंच अपना विशाल शरीर लिए हाथियों का झुंड नुकसान करने लगाते है। बच्चे, महिला और बुजुर्ग चिंता का विषय है कि वह कैसे अपनी जान बचाते होंगे। आपात स्थिति में किसी न किसी को रात्रि में सड़क पर राहगीरों को गुजरना पड़ता है और कई बार सड़क पर खड़े हाथियों के झुंड को देखकर वापस गाड़ी घुमा कर घर आना पड़ता है तो कभी दिन में सड़क पर खड़े हाथियों के लिए घंटों तक इन्तजार करने पड़ते हैं कि कब सड़क से हटकर जाएं झुंड, फिर व्यक्ति अपना अस्पताल, न्यायिक या दिनचर्या कार्य को पूर्ण कर सके। ग्रामीणों कि नजर में हाथियों द्वारा किए गए फसल और मकान नुकसान पर मुआवजा की बात करें तो उस पर भी सौ प्रतिशत नुकसान पर चालिस प्रतिशत हि मुआवजा के तौर मिलता है जिससे संतुष्ट नहीं हैं ग्रामीणजन।
जल्द से जल्द विभाग को इस मामले में गंभीर रूप से लेना चाहिए और हाथियों को भगाने ग्रामीणों का साथ ले क्षेत्र को हथियो के भय और नुकसान मुक्त क्षेत्र बनाए। जिससे किसी भी तरह से हाथियों द्वारा कोई अप्रिय घटना सामने न आ पाएं अन्यथा स्थित देख लगता है ग्रामीण उग्र हो सकते हैं।
हाथीयों को भगाओ क्षेत्र को बचाओ कि मांग कर रहे ग्रामीण क्षेत्र, कटघोरा वन विभाग से नराज दिख रहा प्रभावित गांवों
Reviewed by dainik madhur india
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3:35 AM
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