व्यसन" हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनों बिगड़ते हैं:-साध्वी श्री प्रतीक्षा श्री जी महाराज साहब

"व्यसन" हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनों बिगड़ते हैं:-साध्वी श्री प्रतीक्षा श्री जी महाराज साहब 

खिरकिया से संवाददाता संजय नामदेव की रिपोर्ट



खिरकिया। समता भवन में विराजित शासन दीपिका  दर्शना महाराज, श्री रिद्धि प्रभा महाराज एवं श्री प्रतीक्षा महाराज आदि ठाणा 3 के सानिध्य में श्रद्धाशील उपासक जिनवाणी का अमृत रस पान का लाभ ले रहे हैं। दिन रविवार को कुल दीपिका प्रतीक्षा महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि - पर्व का अर्थ होता है- पवित्र पावन दिवस ।पर्व दो प्रकार के होते हैं लौकिक और लोकोत्तर। लौकिक पर्व -शारीरिक पोषण व मनोरंजन से संबंधित है। वही लोकोत्तर पर्व -आत्म पोषण से संबंधित है। पर्यूषण पर्व एक लोकोत्तर पर्व है । पर्यूषण पर्व के दौरान हम अपनी का आत्मा का निरंतर निरीक्षण करते रहें ।हमारे जीवन में दो प्रकार के जंग लगे हुए हैं पहला व्यसन का और दूसरा फैशन का। यह दोनों ही जंग हमारे भावों को कलुषित एवं असहिष्णु कर रहे हैं । व्यसन का अर्थ होता है बुरी आदत या लत। बुरी आदत व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बिगाड़ देते हैं । व्यसन करने के कुछ कारण हैं उत्सुकता -संचार माध्यमों के विज्ञापन ,व्यक्ति को नशीले पदार्थों को जानने की उत्सुकता  पैदा करते हैं जिसके कारण व्यक्ति व्यसन करने लगता है। उत्तेजना एवं अपूर्व आनंद की प्राप्ति करने के लिए युवा पीढ़ी मादक पदार्थों का सेवन करती है। निराशा और चिंताओं को दूर करने के लिए भी व्यक्ति मादक पदार्थों का सेवन करता है। संगति -व्यसनी व्यक्ति के साथ रहने से भी व्यक्ति व्यसन करने लग जाता है। व्यसन करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान होना पड़ता है । व्यसन करने से व्यक्ति की दुर्गति भी होती है। अतः हमें सभी व्यसनों से दूर रहना चाहिए ।उन्होंने आगे कहा कि-  छोटे छोटे कपड़ों के प्रति लोगों का आकर्षण काफी ज्यादा देखने को मिलता है। जिससे पहनने या ना पहनने में कोई अंतर नहीं माना जाता है। संस्कृति के दृष्टिकोण से इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। यह फैशन वाले कपड़े व्यक्ति में विषय विकार पैदा करते हैं ।अतः हमें ऐसे कपड़े नहीं पहनना चाहिए। हमें सादगी पूर्ण जीवन जीना चाहिए ।जीवन में मर्यादा होना चाहिए । जब तक जीवन में मर्यादा नहीं होगी तब तक जीवन का निर्माण नहीं होगा। महाराज साहब की सब प्रेरणा से तपस्या के क्रम में शालू भंडारी ने 27 उपवास  ग्रहण किए साथी 5,3,2,आदि तपस्याये प्रवर्धमान है। महाराज के दर्शन सानिध्य एवं जिनवाणी रूपी प्रवचन का लाभ लेने कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष भाई लक्ष्मी नारायण पवार भी उपस्थित हुए आपने अपने भावों की अभिव्यक्ति में कहा हमें  कुव्यसनो से दूर रहना चाहिए और शालीन वस्त्रो का उपयोग करना चाहिए जिससे हमारी समाज की आगे की पीढ़ी सुरक्षित रहेगी। मैं भी सौभाग्यशाली हूं जो मुझे फिर खिरकिया नगर की गौरव साध्वी प्रतीक्षा श्री जी महाराज साहब आदि 3 के दर्शन सानिध्य का लाभ प्राप्त हुआ पूर्व में श्री विनय मुनि जी एवं मधुर मुनिजी महाराज साहब के दर्शन सानिध्य प्रवचनो का लाभ लेने का अवसर समय समय पर मिलता रहा और मैंने भी 1 उपवास कर जैन समाज के उपवास की महत्ता को जाना है कितना कठिन तप है।आपका आशीष सदैव बना रहे यही मंगल कामना। इस अवसर पर श्री श्वेतांबर जैन श्री संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने आपका अभिनंदन किया
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