कोतमा में भारतीय जनता पार्टी की साख से खेलते पदाधिकारी
अनूपपुर जिले के कोतमा में राजनीतिक स्तर इस कदर होता जा रहा है कि पार्टी
के अस्तित्व का भी ख्याल किए बिना पदाधिकारी कार्यकर्ताओं की लगातार
उपेक्षा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को नाखुश कर रहे हैं।किसी भी पार्टी का
अस्तित्व केवल पदाधिकारियों की कार्यशैली और पदाधिकारियों के चेहरे से
सर्वव्यापी नहीं हो सकता है, बल्कि किसी पार्टी के उत्थान और प्रगति पर एक
ज़मीनी स्तर पर कार्य करने वाले छोटे कार्यकर्ता के पसीने और उसकी मेहनत
शामिल होती है।अपने परिजनों और दोस्त यार सबकी बातें सुनता है और पार्टी के
पक्ष में, अपने पदाधिकारी की भाषा बोलकर उनको संतुष्ट कर उनके लिए वोट
बैंक बनाता है।एक कार्यकर्ता ही पार्टी के झंडे बैनर लगाता है और अपने
पदाधिकारी को बड़े नेताओं की निगाह में बड़ा दिखाने की कोशिश करता है,क्योंकि
उसे उम्मीद होती है कि अपने बीच का कोई व्यक्ति यदि ऊंचाई प्राप्त करेगा
तो हमारा और हमारे क्षेत्र का कद भी ऊंचा होगा, लेकिन पद प्राप्त होने के
बाद ये स्थानीय पदाधिकारी लगातार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हैं और
उन्हें छोटा दिखाने का प्रयास करते हैं।वर्तमान समय में कोतमा में ऐसी
स्थिति देखने को मिल रही है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अपने
पदाधिकारी से असंन्तुष्ट नज़र आ रहे हैं और इन परिस्थितियों में
कार्यकर्ताओं को समेटने और उन्हें संतुष्ट करने की ओर ध्यान न देते हुए
पदाधिकारी अपनी रोटी सेंकने में व्यस्त हैं।यदि समय रहते इस पर ध्यान न
दिया गया तो इसका असर आगामी उपचुनाव पर पड़ सकता है।
कोतमा में भारतीय जनता पार्टी की साख से खेलते पदाधिकारी
Reviewed by dainik madhur india
on
7:10 AM
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