छापीहेड़ा थाने में पदस्थ महिला कांस्टेबल माया राजपूत हुई लाईन अटैच
दैनिक मधुर इंडिया। राजगढ़।
यह था मामला जिले के छापीहेड़ा थाने में महिला हेडकांस्टेबल की सरेआम दादागिरी चल रही थी मप्र का एकमात्र संस्कृत ग्राम झिरी जो संस्कार एवं संस्कृत के लिए जाना जाता है । झिरी की युवती गिरिजा तोमर को नोकरी के लिए चरित्र प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी। इसके लिए युवती जब थाने पहुंची तो इंचार्ज ने महिला हेड कांस्टेबल का हवाला दिया। युवती थाने में मौजूद नम्बरों की सूची से महिला हेडकांस्टेबल माया राजपूत को फोन लगाकर अपनी समस्या सुनाई तो उन्होंने 10 मिनट में आने का कहा लेकिन 50 मिनट में भी जब महिला हेड कांस्टेबल हाजिर नही हुई तो दोबारा फोन लगा दिया। इस बात से झल्लाई हेड कांस्टेबल ने थाने में आते ही तलाश की कि मुझे फोन किसने लगाया। जानकारी मिलते ही कांस्टेबल ने युवती को तड़ातड़ झापड़ जड़ दिए। युवती ने पिता के साथ मौजूद होकर इसकी लिखित शिकायत थाना प्रभारी राकेश दामले से की है।
उल्लेखनीय है कि मानव अधिकार आयोग के अनुसार दुर्दांत अपराधी को भी कस्टडी में पीटा नही जा सकता लेकिन छापीहेड़ा थाने में महिला हेडकांस्टेबल की सरेआम ददगिरी से महिलाएं परेशान है। फरियादी को ही पीटा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि झिरी गांव अपने संस्कार एवं संस्कृत भाषा की वजह से पूरे मप्र में जाना जाता है। एवं आरएसएस के कई प्रचारक तक यहां संस्कृत और संस्कृति सीखने आ चुके है। उसी गांव की सुसंस्कृत युवती को चरित्र प्रमाणपत्र बनवाना महंगा हो गया था जिसकी जॉच उपरांत माया राजपूत पर कर्यवाही कर लाईन अटैच किया गया है थाना पभारी राकेश दामले छपीहेड़ा
छापीहेड़ा थाने में पदस्थ महिला कांस्टेबल माया राजपूत हुई लाईन अटैच
Reviewed by dainik madhur india
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2:15 AM
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