अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के संजय कहाँ गए, और रामलाल कैसे रूठ गए ? भाजपा के अंतर्गत कलह में अब आसाँ नही बिसाहूलाल के लिए कैबिनेट मंत्री और विधायकीय सीट बचा पाना ?
अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के संजय कहाँ गए, और रामलाल कैसे रूठ गए ?
भाजपा के अंतर्गत कलह में अब आसाँ नही बिसाहूलाल के लिए कैबिनेट मंत्री और विधायकीय सीट बचा पाना ?
दैनिक मधुर इंडिया।
अनूपपुर।राजकमल
पांडे।
संजय पाठक भाजपा का एक बड़ा नाम व चेहरा है। मध्यप्रदेश में भाजपा
की रीढ़ संजय पाठक जो कि पूर्व में अनूपपुर में प्रभारी मंत्री के पद पर भी
रह चुके हैं। व साथ ही वर्तमान में संजय पाठक अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में
चुनाव प्रभारी भी हैं। भाजपा का चुनाव के दरमियान इतने बड़े कार्यक्रम में
संजय पाठक की अनुपस्थिति भाजपा के लिए ख़तरे की घंटी है। और इधर रामलाल का
रूठ जाना बिसाहूलाल को निजी हानि से कम नही है। पूर्व के भाजपा सरकार में
अनूपपुर के प्रभारी मंत्री संजय पाठक का अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव का
प्रभारी बनने के बाद भी अनूपपुर न आना चर्चा और विवाद का विषय तो बना ही
था, बशर्ते भाजपा के कुछ नेताओं का कहना यह भी था कि मुख्यमंत्री के
कार्यक्रम के दौरान संजय पाठक पाएँगे पर सभा में संजय पाठक की गैरमौजूदगी
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल का रूठ जाना, भाजपा को उपचुनाव में
भारी पड़ेगा।
गौरतलब है कि अनूपपुर विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भले ही निर्णायक ना हो परंतु संजय पाठक की दमदार मौजूदगी ही चुनाव में हार जीत का फैसला करती है। और अनूपपुर के ब्राह्मणों पर विजयराघवगढ़ के विधायक पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय पाठक की अच्छी पकड़ है, और यही कारण था कि भाजपा प्रदेश संगठन ने उन्हें यहां का विधानसभा उपचुनाव प्रभारी भी बनाया है। संजय पाठक प्रदेश कि पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ अनूपपुर जिला के प्रभारी मंत्री भी थे जिसके कारण उनका भाजपा संगठन में भी बहुत अच्छी पकड़ बताई जाती है। कहा तो यहां तक जाता है कि भाजपा के जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम की इस बार की ताजपोशी में संजय पाठक का पूरा हाथ था, ऐसे में संजय पाठक का यहां पर न आना जहां एक और चर्चा का विषय बना है, वहीं दूसरी ओर सोने पर सुहागा का काम रामलाल ने रूठकर कर दिया। रामलाल जनता के बीच में जाकर बैठ गए और यह कह कर कि उन्हें जनता के बीच में अच्छा लगता है। मतलब साफ़ है कि रामलाल, बिसाहूलाल के अपेक्षा भाजपा में सबसे लोकप्रिय हैं। और रामलाल का रूठना अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में बिसाहूलाल के लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। रामलाल का रूठना कयासों, विवादों एवं चर्चाओं को जन्म दे दिया है कहा तो यहां तक जा रहा है कि रामलाल के संघर्ष और अनशन के बाद संजय पाठक द्वारा रेलवे ओवर ब्रिज का शिलान्यास के बावजूद बिसाहूलाल ने और ब्रिज के द्वारा शिलान्यास किया जो कार्यक्रम शिवराज सिंह के हाथों से करवाने में सफल रहे वही रामलाल और संजय पाठक की नाराजगी का मूल कारण है। वैसे ही इसमें अभी और नया क्या-क्या गुल खिलता है, यह बात उपचुनाव के निर्णय में साफ़ हो जाएगा। सीएम की सभा मे संजय पाठक की गैरमौजूदगी और रामलाल का रूठना यह बात आधा तो स्पष्ट करता ही है कि ब्रजेश गौतम के सहारे बिसाहूलाल विधायकीय सीट पर जीत हासिल करेंगे जो कि असंभव मालूम पड़ता है। क्योंकि ब्रजेश गौतम राजनीति में अभी कच्चे खिलाड़ी हैं। जहां रामलाल का राजनीतिक अनुभव बिसाहूलाल के लिए मायने रखता है।
अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के संजय कहाँ गए, और रामलाल कैसे रूठ गए ? भाजपा के अंतर्गत कलह में अब आसाँ नही बिसाहूलाल के लिए कैबिनेट मंत्री और विधायकीय सीट बचा पाना ?
Reviewed by dainik madhur india
on
7:34 AM
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