सोशल मीडिया का विवाद आया सड़को पर पुलिस महकमे की निष्क्रियता से हो सकता था शहर आग के हवाले ?

सोशल मीडिया का विवाद आया सड़को पर

पुलिस महकमे की निष्क्रियता से हो सकता था शहर आग के हवाले ? 

दैनिक मधुर इंडिया।
अनूपपुर।राजकमल पांडे। एक फेसबुक पोस्ट को लेकर बीती रात को कुछ मुस्लिम लड़को ने एक हिन्दू लड़के को सब्जीमंडी में मारपीट किया था, उसी घटना से आक्रोशित भीड़ ने देररात्रि थाना घेराव कर गिरफ्तारी की माँग करते हुए नारेबाज़ी किया। पुलिस ने उक्त भीड़ पर लाठीचार्ज भी किया देर रात्रि हुए प्रदर्शन को रोका व एक युवक पुलिस के लाठीचार्ज से गंभीर रूप से घायल भी हुआ, जिसका नाम शिब्बू पटेल बताया जा रहा है। देर रात्रि हुए प्रदर्शन थाने तक ही नही थमा बल्कि दूसरे दिन बाजार बन्द का आव्हान भी हुआ। पुलिस महकमे की निष्क्रियता आज शहर को आग के हवाले कर सकता था, और बहुत बड़ी घटना शहर में घटित हो सकती थी। 
गौरतलब है कि सबसे व्यस्ततम जगह सामतपुर के पास यातायात चलानी कार्यवाही हेतु दिन-रात गाड़ी लिए तैनात रहते हैं। बशर्ते आज बाजार बन्द के आव्हान में एवं आक्रोशित भीड़ को रोकने हेतु नदारद रहे और कोतवाली पुलिस भीड़ को रोकने पर नाकामयाब साबित हुई। जिसके परिणामस्वरूप आक्रोशित भीड़ ने दो दुकानों को क्षति पहुँचाया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने भीड़ पर पुनः लाठीचार्ज कर भीड़ को तितरबितर किया।अब सवाल यह उठता है कि किसी का भी धर्म अगर एक फेसबुक पोस्ट से ख़तरे में आ सकता है, तो हम या आप बारूद के ढेर में बैठकर जीवन का सफ़र कर रहे हैं। जिस हिन्दू लड़के के साथ कुछ मुस्लिम लड़को ने सब्जीमंडी में मारपीट किया उसका ऐसा ही कुछ मामला बताया जा रहा है। पुष्पक गुप्ता पर जिन मुस्लिम लड़को ने हमला किया उसका दोष सिर्फ इतना था कि उसने किसी का एक पोस्ट अपने टाइमलाइन पर शेयर किया था। जिससे नाराज मस्जिद मुहल्ले के कुछ मुस्लिम लड़को ने पुष्पक गुप्ता पर जानलेवा हमला किया व सब्जीमंडी से थाने तक बेल्ट से मारते हुए लाये। पुलिस उक्त मामले पर चाहती तो उन समस्त मुस्लिम लड़को को गिरफ्तार कर मामले को उसी वक्त बढ़ने से रोक सकती थी। बशर्ते पुलिस महकमा पूरी रात गस्त की गाड़ी लिए भ्रमण करते रहे और 3 लोगों को गिरफ़्तार कर आक्रोशित भीड़ को आश्वासन देकर चलता करना चाहते थे। लेकिन एक गुट ने देररात्रि को ही पुष्पक गुप्ता के हमलावरों के समस्त मुस्लिम लड़को को गिरफ़्तारी की मांग पर अड़े रहे। जिन मुस्लिम लड़को ने पुष्पक गुप्ता पर हमला किया उनमें से नजीर अहमद कांग्रेस पदाधिकारी व अज़हर खान भाजपा अल्पसंख्यक के मंत्री है। जब दो जिम्मेदार पार्टी के पदाधिकारी कानून को हाथ मे लेने की जहमत रखते हैं, तो आम जन से क्या अपेक्षा की जा सकती है। और आज जिस आक्रोशित भीड़ के द्वारा शहर आग के हवाले होते-होते बचा है, वह आम बात ही कहा जा सकता है। बाजार बन्द का आव्हान को हल्के में लेने वाले पुलिस महकमे की निष्क्रियता व दोनों पार्टी वरिष्ठतम नेताओं पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
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